1. सिंचाई व्यवस्था का सुधार:
नई नहरें बनाना और पुरानी नहरों की मरम्मत करना।

ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देना।

वर्षा जल संचयन (रेन वॉटर हार्वेस्टिंग) को प्रोत्साहन देना।

2. बीहड़ों का सुधार (रेन गली कंट्रोल):
वृक्षारोपण और घास लगाने से बीहड़ को रोका जा सकता है।

भूमि समतलीकरण और टेरेस फार्मिंग तकनीक अपनाना।

सरकारी सहायता से बीहड़ों को कृषि योग्य भूमि में बदला जा सकता है।

3. वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा:
किसानों को मिट्टी परीक्षण करवाने के लिए प्रेरित करना।

जैविक खाद और संतुलित उर्वरकों का प्रयोग।

फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाना

4. कृषि मशीनरी की पहुँच:
सरकारी सब्सिडी पर ट्रैक्टर, थ्रेशर, और अन्य यंत्र उपलब्ध कराना।

गांवों में “कृषि सेवा केंद्र” खोलना जहाँ किराए पर मशीनें मिल सकें।

5. प्रशिक्षण और जागरूकता:
किसानों के लिए कृषि शिविरों का आयोजन करना।

मोबाइल ऐप और रेडियो के माध्यम से कृषि जानकारी देना।

कृषि विज्ञान केंद्रों से सहयोग लेना।

6.मंडी और विपणन सुधार:
गाँव के पास छोटी मंडियाँ और खरीद केंद्र स्थापित करना।

ई-नाम (e-NAM) जैसी ऑनलाइन मंडियों से जोड़ना।

किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाकर सामूहिक बिक्री को बढ़ावा देना।

फसलों की बेहतर पैदावार के 5 छोटे और सरल उपाय

🌱 अच्छे बीज का उपयोग करें

मिट्टी की जांच करवाएं

संतुलित खाद और उर्वरक डालें

समय पर बुवाई और कटाई करें

🌾 उत्तम बीज : चंबल क्षेत्र के लिए उन्नत किस्में

फसल                 बीज की अनुशंसित किस्में
            गेहूं                    HD-2967, GW-322, HI-1544
        सरसों                    Pusa Bold, Varuna, NRCHB-101
          चना                     JG-11, JAKI 9218, Vijay
            मक्का              HQPM-1, Pratap Makka-3
          सोयाबीन             JS-95-60, NRC-37
          मूंगफली              JL-24, GG-20
        टमाटर                  Pusa Ruby, Arka Rakshak
           आलू                  Kufri Bahar, Kufri Jyoti
           गोभी                 Pusa Snowball, Improved Japanese

वेबसाइट पर जानें अपनी फसल के लिए सर्वोत्तम किस्में और बढ़ाएँ उत्पादन – बिल्कुल आसान भाषा में।

उपयुक्त खाद

सही खाद का चुनाव फसल की गुणवत्ता और पैदावार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैविक खाद (गोबर खाद) मिट्टी की संरचना को सुधारने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करती है, जबकि रासायनिक खाद फसलों की त्वरित वृद्धि के लिए उपयोगी होती है। हालांकि, दोनों का संतुलित उपयोग सबसे प्रभावी है, ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

अब जानिए अपनी फसल और मिट्टी के अनुसार सबसे असरदार खाद का चयन – केवल इस वेबसाइट पर।

रासायनिक खाद (संतुलित उपयोग)

  यूरिया (N) :                     पत्तियों की वृद्धि के लिए

        डीएपी (N+P) :                   प्रारंभिक बढ़वार के लिए

          एमओपी (K) :                  फलों और बीजों की गुणवत्ता के लिए

        जिंक और सल्फर:               पोषक तत्व की पूर्ति हेतु

     नोट:           खाद का प्रयोग मिट्टी की जांच रिपोर्ट के अनुसार करें।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sign In

Register

Reset Password

Please enter your username or email address, you will receive a link to create a new password via email.